• 7 October 2024 06:31

‘बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती’ खामोश हुई ये आवाज, ऐसा था मुनव्वर राणा का सफर

ByTodaynews4u.com

Jan 15, 2024
मुनव्वर राणा ने मां पर लिखी गजलों से बनाई खास पहचान

Munnawwar Rana Death: मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने 14 जनवरी को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आइए, उनके अब तक के सफर पर एक नजर डालते हैं…

मुनव्वर राणा ने मां पर लिखी गजलों से बनाई खास पहचान

Munawwar Rana Death: मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार देर रात निधन हो गया। वे 71 साल के थे। उनके निधन के साथ ही उर्दू साहित्य के एक अध्याय का अंत हो गया। बताया जाता है कि राणा क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थे। उनका लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में इलाज चल रहा था। वे काफी दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उन्हें 2014 में कविता ‘शहदाबा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

रायबरेली में हुआ जन्म

मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था। कहा जाता है कि देश की आजादी के समय उनके बहुत से रिश्तेदार भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए, लेकिन मुनव्वर राणा के पिता ने देश नहीं छोड़ा। उन्होंने भारत में ही रहने का फैसला किया।

मुनव्वर राणा ने लिखे कई किताब

मुनव्वर राणा की पढ़ाई कोलकाता से हुई। उनकी कविताएं और शायरी इतनी अच्छी होती थीं कि उनका कई भाषाओं में अनुवाद किया जाता था। राणा ने मां, पीपल छांव, घर अकेला हो गया, कहो जिल्ले इलाही से, नए मौसम के फूल, फिर कबीर, बगैर नक्शे का मकान, गजल गांव, बदन सराय और सब उसके लिए जैसी किताबें भी लिखीं।

मां पर लिखी रचनाएं हुईं मशहूर

मां पर उनकी लिखी रचनाएं काफी मशहूर हुई। ऐसी ही एक लाइन है- लबों पे उसके कभी बददुआ नहीं होती, बस एक मां है, जो मुझसे खफा नहीं होती।  अब भी चलती है जब आंधी कभी गम की ‘राणा’, मां की ममता मुझे बांहों में छुपा लेती है।

मुनव्वर राणा को मिले पुरस्कार

मुनव्वर राणा को मिले पुरस्कारों और सम्मान की लिस्ट काफी लंबी है। उन्हें 2005 में मीर तकी मीर अवार्ड, शहदू आलम आफकुई अवार्ड, गालिब अवार्ड, डॉक्टर जाकिर हुसैन अवार्ड, 2006 में अमीर खुसरो अवार्ड, कविता का कबीर सम्मान उपाधि, सरस्वती समाज अवार्ड, 2004 में सरस्वती समाज अवार्ड, 2001 में मौलाना अब्दुल रज्जाक मलीहाबादी अवार्ड, 1993 में रईस अमरोहवी अवार्ड, 1995 में दिलकुश अवार्ड और 1997 में सलीम जाफरी अवार्ड मिला।

 

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